Saturday, April 27, 2019

Shaking Hands




- Sorry for your troubles, Pádraig Ó Tuama

Thursday, April 25, 2019

Love After Love


The Lovejoy Columns by Neha
The time will come
when, with elation
you will greet yourself arriving
at your own door, in your own mirror
and each will smile at the other's welcome,

and say, sit here. Eat.
You will love again the stranger who was your self.
Give wine. Give bread. Give back your heart
to itself, to the stranger who has loved you

all your life, whom you ignored
for another, who knows you by heart.
Take down the love letters from the bookshelf,

the photographs, the desperate notes,
peel your own image from the mirror.
Sit. Feast on your life.

- Derek Walcott

ABC

Unknowable Pedestrian Birds by Neha 
I’ll never find out now
What A. thought of me.
If B. ever forgave me in the end.
Why C. pretended everything was fine.
What part D. played in E’s silence.
What F. had been expecting, if anything.
Why G. forgot when she knew perfectly well.
What H. had to hide.
What I. wanted to add.
If my being around
meant anything
to J. and K. and the rest of the alphabet.

- Wislawa Szymborska

एक मुलाकात

अब रात घिरने लगी - नेहा
मैं चुप शान्त और अडोल खड़ी थी
सिर्फ पास बहते समुन्द्र में तूफान था……फिर समुन्द्र को खुदा जाने
क्या ख्याल आया
उसने तूफान की एक पोटली सी बांधी
मेरे हाथों में थमाई
और हंस कर कुछ दूर हो गया

हैरान थी….
पर उसका चमत्कार ले लिया
पता था कि इस प्रकार की घटना
कभी सदियों में होती है…..

लाखों ख्याल आये
माथे में झिलमिलाये

पर खड़ी रह गयी कि उसको उठा कर
अब अपने शहर में कैसे जाऊंगी?

मेरे शहर की हर गली संकरी
मेरे शहर की हर छत नीची
मेरे शहर की हर दीवार चुगली

सोचा कि अगर तू कहीं मिले
तो समुन्द्र की तरह
इसे छाती पर रख कर
हम दो किनारों की तरह हंस सकते थे

और नीची छतों
और संकरी गलियों
के शहर में बस सकते थे….

पर सारी दोपहर तुझे ढूंढते बीती
और अपनी आग का मैंने
आप ही घूंट पिया

मैं अकेला किनारा
किनारे को गिरा दिया
और जब दिन ढलने को था
समुन्द्र का तूफान
समुन्द्र को लौटा दिया….

अब रात घिरने लगी तो तूं मिला है
तूं भी उदास, चुप, शान्त और अडोल
मैं भी उदास, चुप, शान्त और अडोल
सिर्फ- दूर बहते समुन्द्र में तूफान है…..

- अमृता प्रीतम

Saturday, April 20, 2019

Charāġhoñ ko

Dhoop by Neha 

Charāġhoñ ko āñkhoñ meñ mahfūz rakhnā 
baḌī duur tak raat hī raat hogī  

Musāfir haiñ ham bhī musāfir ho tum bhī 
kisī moḌ par phir mulāqāt hogī 

- Bashir Badr